
बेमेतरा,=जिले में शासकीय योजनाओं के दुरुपयोग का एक बड़ा मामला सामने आया है। बेमेतरा जिले के तत्कालीन प्लेसमेंट कर्मी छलेश्वर साहू पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए षड्यंत्रपूर्वक कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर अपने परिजनों और रिश्तेदारों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाया।
*शिकायत और जांच की पृष्ठभूमि*
यह मामला तब सामने आया जब सुश्री नीतू कोठारी (पार्षद, वार्ड क्रमांक 16, नगर पालिका परिषद, बेमेतरा) ने 18 अगस्त 2025 को शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर कार्यालय श्रम पदाधिकारी बेमेतरा द्वारा संज्ञान लेते हुए प्राथमिक जांच की गई और 21 अगस्त 2025 को विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
*जांच में सामने आए तथ्य*
कार्यालयीन जांच समिति ने पाया कि तत्कालीन प्लेसमेंट कर्मी छलेश्वर साहू ने मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना के तहत प्रस्तुत दस्तावेजों में हेराफेरी की। योजनाओं में लाभार्थी दिखाए गए दस्तावेज झूठे और कूट रचित पाए गए।
लाभ दिलाने के लिए अपनी पत्नी (श्रीमती सुदामा बाई) को भी पात्र बताकर शासन से एक लाख रुपये की राशि प्राप्त करवाई गई। इस षड्यंत्र से शासन को वित्तीय क्षति पहुँची और वास्तविक पात्र मजदूरों को योजना से वंचित कर दिया गया।
*अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अनुशंसा*
जांच प्रतिवेदन के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि छलेश्वर साहू द्वारा की गई हरकतें गंभीर अपराध की श्रेणी में आती हैं। इस संबंध में अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की सिफारिश की गई है। मामले को आगे की आवश्यक कार्रवाई हेतु छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, अटल नगर, नवा रायपुर को भेजा गया है।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि योजनाओं में इस प्रकार की हेराफेरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी कर्मी छलेश्वर साहू (तत्कालीन प्लेसमेंट कर्मी) के विरुद्ध आगे की कानूनी कार्रवाई अनिवार्य मानी गई है। यह मामला न केवल भ्रष्टाचार बल्कि शासकीय पद के दुरुपयोग और जनता के अधिकारों के हनन से भी जुड़ा है। यह घटना बेमेतरा जिले में प्रशासनिक स्तर पर पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। आम जनता को यह संदेश दिया गया है कि शासन की योजनाओं में गड़बड़ी करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।